Digital Signature ( डिजिटल सिग्नेचर क्या है ?)
डिजिटल सिग्नेचर एक Mathematical Scheme है | जिनका उपयोग डिजिटल Message या Document के Authentication को Verify करने के लिए किया जाता है | Digital Signature में Asymmetric key Cryptography का प्रयोग किया जाता है |
Uses of Digital Signature ( डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग )
इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को, इन्टरनेट के माध्यम से एक जगह से दुसरे जगह में ट्रांसमिशन करने के लिए किया जाता है | ज्यादातर इनका प्रयोग E-commerce और E-Governance में किया जाता है | डिजिटल सिग्नेचर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को Authenticity, Integrity और Non repudiation प्रदान करता है |
Ø Authenticity: इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को Verify करने के साथ साथ डॉक्यूमेंट भेजने वाले Sender को भी Verify करता है |
Ø Message Integrity: इलेक्ट्रॉनिक मैसेज Receiver के पास सही रूप में और पूरा (correct & Complete ) प्राप्त करें |
Ø Non–repudiation : Sender जब डॉक्यूमेंट को Send करता है और Receiver उसे प्राप्त कर लेता है | इसके बाद किसी कारण से Sender डॉक्यूमेंट को identify करने से इनकार नहीं कर सकता है |
Digital Signature Process ( डिजिटल सिग्नेचर प्रक्रिया )
नेटवर्क में , जब भी किसी Sender को डिजिटल सिग्नेचर के साथ डॉक्यूमेंट या मैसेज भेजना होता है |
Digital Signature Approaches:
Digital Signature को दो Approaches में Divide किया गया है |
1. RSA Approach
2. DSS Approach
दोनों Approaches में HASH Algorithm का प्रयोग किया जाता है |
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